मूलतः मुजफ्फरनगर निवासी कपिल (28) एक हाथ से विकलांग हैं। इसके बावजूद कपिल ने जिंदगी की दुश्वारियों से हार नहीं मानी बल्कि ये साबित कर के दिखाया कि जिदंगी जिंदादिली का नाम है। इसे खुलकर भरपूर जियो। मौजूदा समय में कपिल गाजियाबाद के विजय नगर में परिवार के साथ रह रहें हैं, कपिल के परिवार में माता-पिता और छोटे भाई-बहन हैं। वह पिछले 5 सालों से परिवार के भरण-पोषण के लिए रिक्शा चलाने का काम कर रहा है। कपिल रोजाना लगभग 400-500 रूपये कमा लेते हैं। कपिल के पिता प्राइवेट नौकरी करते हैं लेकिन घर चलाने के लिए यह काफी नहीं था। इसलिए कपिल को परिवार की जिम्मेदारियों में सहयोग करने के लिए अपने पैरों पर खड़ा होना पड़ा।
हमारे इस नायक को रिक्शा चलाने का कोई शौक नहीं है। कपिल ने इस काम को करने से पहले नौकरी पाने के हर संभव प्रयास किए। लेकिन एक हाथ ना होने की वजह से हर जगह से निराशा ही हाथ लगी। थक-हार कर कपिल ने रिक्शा चलाने का फैसला लिया। अब इसमें भी आर्थिक अड़चनें थी। उनके पास इसके लिए पैसे नहीं थे। तो इसके लिए कपिल ने कबाड़ी का काम किया और धीरे-धीरे पैसे जमा किए और रिक्शा खरीदा।
कपिल बताते हैं कि उनका ये काम केवल मजबूरी है क्योंकि उन्हें कहीं नौकरी नहीं मिल पाई लेकिन उन्हें इस काम में काई शर्म भी नहीं है। हमारा गाजियाबाद के संवाददाता ने जब उनसे उनके हाथ की घटना के बारे में पूछा तो कपिल ने बताया कि बचपन में उनका हाथ ट्रैक्टर के नीचे आ गया था। इस हादसे में उन्होंने अपना एक हाथ खो दिया।
कपिल ने हमसे अपनी समस्याएं भी साझा की और बताया कि उन्हें इस काम में कभी-कभी पुलिस वाले भी परेशान करते हैं उनसे पैसे मांगते हैं, कभी 100 तो कभी 50 रूपये, कभी-कभी तो 20 रूपये लेकर भी छोड़ देते हैं। वो अपनी आप-बीती में बताते हैं कि कई बार उन्हें ऐसे पुलिस वाले भी मिले जो उन्हें देखकर हिम्मत की तारीफ करते हैं और कहते हैं कि वाह... क्या बात है, अपनी कमजोरी को ही अपनी ताकत बना लिया, एक हाथ नहीं होने के बावजूद भी तुम रिक्शा चला रहे हो। तुम उन लोगों के लिए मिसाल हो, जो सही सलामत होते हुए भी कुछ नहीं करते या भीख मांगते हैं।
कपिल का कहते हैं कि उन्हें कभी अच्छे तो कभी बुरे लोग मिलते ही रहते हैं लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और बे-झिझक व बिना शर्म किये अपना काम करते हैं। हमारा नायक कपिल अपनी जिन्दगी से निराश नहीं हैं बल्कि काफी खुश हैं उसका कहना है कि चिंता करके कोई फायदा नहीं है, जैसी जिन्दगी भगवान ने दी है उसी में खुश रहना चाहिये। आपको बता दें कि अगले महीने कपिल की शादी है। हमारा गाजियाबाद उसके उज्जवल भविष्य की कामना करता है और इस अवसर के लिए उन्हें बधाई भी देता है।
हमारे इस नायक को रिक्शा चलाने का कोई शौक नहीं है। कपिल ने इस काम को करने से पहले नौकरी पाने के हर संभव प्रयास किए। लेकिन एक हाथ ना होने की वजह से हर जगह से निराशा ही हाथ लगी। थक-हार कर कपिल ने रिक्शा चलाने का फैसला लिया। अब इसमें भी आर्थिक अड़चनें थी। उनके पास इसके लिए पैसे नहीं थे। तो इसके लिए कपिल ने कबाड़ी का काम किया और धीरे-धीरे पैसे जमा किए और रिक्शा खरीदा।
कपिल बताते हैं कि उनका ये काम केवल मजबूरी है क्योंकि उन्हें कहीं नौकरी नहीं मिल पाई लेकिन उन्हें इस काम में काई शर्म भी नहीं है। हमारा गाजियाबाद के संवाददाता ने जब उनसे उनके हाथ की घटना के बारे में पूछा तो कपिल ने बताया कि बचपन में उनका हाथ ट्रैक्टर के नीचे आ गया था। इस हादसे में उन्होंने अपना एक हाथ खो दिया।
कपिल ने हमसे अपनी समस्याएं भी साझा की और बताया कि उन्हें इस काम में कभी-कभी पुलिस वाले भी परेशान करते हैं उनसे पैसे मांगते हैं, कभी 100 तो कभी 50 रूपये, कभी-कभी तो 20 रूपये लेकर भी छोड़ देते हैं। वो अपनी आप-बीती में बताते हैं कि कई बार उन्हें ऐसे पुलिस वाले भी मिले जो उन्हें देखकर हिम्मत की तारीफ करते हैं और कहते हैं कि वाह... क्या बात है, अपनी कमजोरी को ही अपनी ताकत बना लिया, एक हाथ नहीं होने के बावजूद भी तुम रिक्शा चला रहे हो। तुम उन लोगों के लिए मिसाल हो, जो सही सलामत होते हुए भी कुछ नहीं करते या भीख मांगते हैं।
कपिल का कहते हैं कि उन्हें कभी अच्छे तो कभी बुरे लोग मिलते ही रहते हैं लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और बे-झिझक व बिना शर्म किये अपना काम करते हैं। हमारा नायक कपिल अपनी जिन्दगी से निराश नहीं हैं बल्कि काफी खुश हैं उसका कहना है कि चिंता करके कोई फायदा नहीं है, जैसी जिन्दगी भगवान ने दी है उसी में खुश रहना चाहिये। आपको बता दें कि अगले महीने कपिल की शादी है। हमारा गाजियाबाद उसके उज्जवल भविष्य की कामना करता है और इस अवसर के लिए उन्हें बधाई भी देता है।
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