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Saturday, December 27, 2014

गंजेपन से चाहिए छुटकारा तो अपनाइए ये उपाय

गंजापन की स्थिति में सिर के बाल बहुत कम रह जाते हैं। गंजापन की मात्र कम या अधिक हो सकती है। गंजापन को एलोपेसिया भी कहते हैं। जब असामान्य रूप से बहुत तेजी से बाल झड़ने लगते हैं तो नये बाल उतनी तेजी से नहीं उग पाते या फिर वे पहले के बाल से अधिक पतले या कमजोर उगते हैं। इसके चलते बालों का कम होना या कम घना होना शुरू हो जाता है और ऐसी हालत में सचेत हो जाना चाहिए क्योंकि यह स्थिति गंजेपन की ओर जाती है।

गंजेपन के प्रकार 
1. एंड्रोजेनिक एलोपेसिया - यह सवाधिक आम है और महिलाओ से ज्यादा पुरुषों को होता है। इसीलिए इसे पुरुषों का गंजापन भी कहा जाता है। यह स्थायी किस्म का गंजापन है और एक खास ढंग से खोपड़ी पर उभरता है। यह कनपटी और सिर के ऊपरी हिस्से से शुरू होकर पीछे की ओर बढ़ता है। यह जवानी के बाद किसी भी उम्र में शरू हो सकता है और व्यक्ति को आंशिक रूप से या पूरी तरह गंजा कर सकता है। इस किस्म के गंजेपन के लि
ए मुख्यत: टेस्टोस्टेरॉन नामक हारमोन संबंधी बदलाव और आनुवंशिकता जिम्मेदार होती है।

2. एलोपेसिया एरीटा - इसमें सिर के अलग-अलग हिस्सों में जहां-तहां के बाल गिर जाते हैं, जिससे सिर पर गंजेपन का पैच लगा सा दिखता है। इसकी वजह अब तक अनजानी है, पर माना जाता है कि यह शरीर की रोगप्रतिरोधी शक्ति कम होने के कारण होता है।

3. ट्रैक्शन एलोपेसिया - यह लंबे समय तक एक ही ढंग से बाल के खिंचे रहने के कारण होता है। जैसे, कोई खास तरह से हेयरस्टाइल या चोटी रखना। लेकिन हेयरस्टाइल बदल देने यानी बाल के खिंचाव को खत्म कर देने के बाद इसमें बालों का झड़ना रुक जाता है।

कारण 
आनुवंशिक कारणों या उम्र बढ़ने से
हारमोन में परिवतन से
गंभीर रूप से बीमार पड़ने या बुखार होने से
किसी खास चिकित्सीय कारण, जैसे कैंसर केमोथेरेपी या अत्यधिक विटामिन ए की वजह से
भावनात्मक या शारीरिक तनाव की वजह से
एक खास ढंग से बाल को लंबे समय तक खींचे रखने से भी बाल कम होते हैं।

उपचार
1. केश प्रत्यारोपण (हेयर ट्रांसप्लांटेशन)
इसके तहत सिर के उन हिस्सों, जहां बाल अब भी सामान्य रूप से उग रहे होते है, से केश-ग्रंथियां लेकर उन्हें गंजेपन से प्रभावित हिस्सों में ट्रांसप्लांट किया जाता है। इसमें त्वचा संबंधी संक्रमण का खतरा बहुत कम होता है और उन हिस्सों में कोई नुकसान होने की संभावना कम होती है जहां से केश-ग्रंथियां ली जाती है।

2. दवाओं के इस्तेमाल से
माइनोक्सिडिल नामक दवा का इस्तेमाल कम बाल वाले हिस्सों पर रोज करने से बाल गिरना रुक जाता है तथा नये बाल उगने लगते हैं। यह दवा रक्त वाहिनियों को सशक्त बनाती है जिससे प्रभावित हिस्सों में रक्तसंचार और हारमोन की आपूति बढ़ जाती है और बाल गिरना बंद हो जाता है। एक और फाइनस्टराइड नामक दवा की एक टेबलेट रोज लेने से बालों का गिरना रुक जाता है तथा कई मामलों में नये बाल भी उगने लगते हैं।

ये दवाएं बालों का गिरना कम तो कर सकती हैं पर अधिकांश मामलों में देखा गया है कि दवाएं लेना बंद कर देने से नये उगे बाल पुन: झड़ जाते हैं। इनसे खोपड़ी खुजलाने जैसे कुछ साइड इफेक्ट होना भी आम बात है।

इनके अलावा, कोटिकोस्टराइड नामक एक इंजेक्शन भी है जो एलोपेसिया एरीटा के मामले में खोपड़ी की त्वचा में दी जाती है। यह उपचार आम तौर पर हर महीने दोहराया जाता है। कई बार डॉक्टर एलोपेसिया एरीटा के चलते अत्यधिक बाल गिरने पर कोटिकोस्टराइड टेबलेट खाने की सलाह भी देते हैं।

3. कॉस्मेटिक उपचार
सिंथेटिक केश - गंजेपन से प्रभावित हिस्से को ढंकने के लिए विशेष रूप से निमित बालों का प्रयोग किया जा सकता है। यहां ध्यान देने की बात यह है कि इन बालों के नीचे की खोपड़ी को नियमित रूप से धोते रहना जरूरी है, इसमें किसी किस्म की कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। एक और तरीका है कृत्रिम बालों की बुनाई कराना, जिसके तहत मौजूदा बालों के साथ कृत्रिम केशों की बुनाई की जाती है।

बाल झड़ने से परेशान हैं तो किचन में मिलेंगे ये आसान उपाय
अगर बदलते मौसम में आपके बाल बहुत अधिक झड़ रहे हैं और आप इनकी रोकथाम के लिए वाकई फिक्रमंद है तो इनकी रोकथाम का उपाय खोज रहे हैं तो पालर में टाइम गंवाने या महंगे कॉस्मेटिक्स पर पैसे बहाने की जरूरत नहीं है।
आपके किचन में ही ऐसी चीजे उपलब्ध हैं जो बाल झड़ने की रोकथाम में मददगार भी हैं और इनके लिए आपको अधिक जेब भी नहीं ढीली करनी पड़ेगी।

आलू का रस
आलू को कीसकर इसका जूस निकाल लें और सिर पर लगाकर 15 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके बाद हल्के शैपू से बाल साफ करें। इससे बालों का गिरना तो कम होगा ही, साथ ही यह नैचुरल कंडिशनर भी है।

हिना पैक
मेहंदी से न सिफ बालों की रंगत बरकरार रहती है बल्कि यह बालों को भी मजबूत बनाती है। इसमें हल्का आंवला पाउडर मिलाकर लगाने के 15 मिनट बाद धो लें। इससे बालों की कंडिशनिंग होगी और बाल मजबूत रहेंगे।

मेथी
मेथीदाना शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ाता है जिससे बाल मजबूत होते हैं। एक चम्मच मेथी के पेस्ट में दो चम्मच नारियल तेल मिलाएं और बालों में 3क् मिनट तक लगाकर रखें। फिर इसे शैंपू से साफ कर लें।

अंडे का मास्क
अंडे में अच्छी मात्र में प्रोटीन है जो बाल घने करने में मददगार है। इसके अलावा, इसमें जिंक, सल्फर, आयरन, सेलेनियम, फॉस्फोरस और आयोडीन भी अच्छी मात्र में है।

प्याज का जूस
प्याज के रस में सल्फर अच्छी मात्र में है जो शरीर में कोलाजेन की मात्र बढ़ाता है जिससे बाल घने होते हैं। प्याज का रस निकालकर इसे बालों पर 15 मिनट तक लगाएं और फिर शैंपू से बाल साफ करें।

बालों के झड़ने से परेशान हैं तो आजमाएं कपूर का तेल
अगर आप बाल झड़ने से परेशान हैं और इसके लिए पालर से लेकर दवा तक पर खच कर चुके हैं तो घर में ही कपूर का तेल बनाएं। यह न सिफ सस्ता और सुलभ उपाय है बल्कि डैंड्रफ से लेकर बाल झड़ने तक, आपके बालों की कई परेशानियों को कम करने में मददगार हो सकता है।

क्यों है फायदेमंद 
कपूर के तेल की मसाज न सिफ शरीर के रक्त संचार को बढ़ाती है बल्कि इसका अरोमा स्ट्रेस से भी राहत दिलाता है। इसमें मौजूद एंटीसेप्टिक तत्व डैंड्रफ दूर करने में भी मददगार है।

कैसे बनाएं
कपूर का तेल बनाना बहुत आसान है। वैसे तो यह बाजार में कैंफर ऑयल के नाम से बिकता ही है, लेकिन आप घर पर ही इसे तैयार करना चाहते हैं तो नारियल तेल में कपूर के टुकड़े डालकर एक एयर टाइट डिब्बे में बंद कर दें। इससे कपूर का अरोमा नहीं खत्म होगा और आप जब चाहें इसे लगा सकते हैं।

कैसे करें इस्तेमाल
कपूर के तेल को बालों की जड़ों में लगाएं और 15 से 20 मिनट तक सिर की हल्की मसाज करें। फिर पांच मिनट तक छोड़ दें। इसके बाद आप बालों पर स्टीम दें या फिर गुनगुने पानी में तौलिया भिगोकर बांलों पर पांच मिनट के लिए बांधें और बालों पर शैंपू करें।

ध्यान रहें
हो सकता है कि आपकी त्वचा कपूर के लिए एलजिक हो, आसी स्थिति में पहले त्वचा पर एक पैच टेस्ट करें और फिर ही बालों पर लगाएं।


कमजोर और झड़ते बालों में यूं डालिए जान
बदलते फैशन के साथ बालों का फैशन भी बदलता रहता है। कभी कट बदलता है, तो कभी बालों का रंग। बालों की खूबसूरती के लिए हम केमिकलयुक्त प्रोडक्ट इस्तेमाल करने में भी गुरेज नहीं करते।

मेंबर ऑफ एशियन एसोसिएशन ऑफ हेयर रेस्टोरेशन के सजन डॉ. एस. सरीन कहते हैं, क्वबेशक आप अपने बालों पर केमिकल का इस्तेमाल करें, पर इससे होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए कुछ तो एक्स्ट्रा करना पड़ेगा। इसके लिए आप फ्रूट हेयर पैक का यूज कर सकते हैं, क्?योंकि ये बालों को बढ़ाने और बालों की खोई रंगत वापस लाने में महत्वपूण भूमिका निभाते हैं। फलों से बने हेयर पैक बालों के लिए नेचुरल कंडीशनर और शैंपू की तरह हैं। गिरते बालों की समस्या हो या फिर असमय बालों का झड़ना, बालों की सभी प्रकार की समस्याओं के लिए फ्रूट पैक बेहतर है।’

केले का हेयर पैक
केले में मौजूद पोटैशियम, विटामिन ए, सी और ई बेजान बालों को नरिश करने का काम करते हैं। केले का हेयर पैक बनाने के लिए दो केले, एक अंडे की जदी, एक चम्?मच नींबू का रस लें। सबको एक साथ मिलाकर गाढ़ा पेस्ट तैयार करें और बालों में 3क् मिनट तक लगाएं।
इससे आपके बालों की खोई रंगत वापस मिलेगी और बालों का झड़ना भी कम हो जाएगा। केले का आप एक और पैक भी बना सकते हैं।
इसके लिए पहले दो केलों को मैश करें। फिर इसमें थोड़ा-सा शहद, दही और नींबू रस मिलाएं और इस पेस्ट को आधे घंटे के लिए बालों में लगाएं।  इससे आपके बाल मुलायम और चमकदार हो जाएंगे।

बाल रूखे हों, तो हेयर पैक बनाने के लिए एक केले में एक चम्मच शहद और एक चम्मच नींबू का रस मिलाएं।
अब इस पेस्ट को अपने बालों पर लगाएं, खासकर जड़ों पर धीरे-धीरे मलें। अगर बाल ज्यादा रूखे हैं, तो इस पेस्ट में उड़द दाल का पाउडर और आधा चम्मच दही भी मिला लें।

पपीते का हेयर पैक
विटामिन-ए से भरपूर पपीता बालों के प्राकृतिक तेल को रिस्टोर कर नमी को बनाए रखने का काम करता है।
रूखे बालों के लिए यह रामबाण है। पके हुए पपीते को ऑलिव ऑयल के साथ्?ा मिक्?स कर बालों में लगाने से बाल मुलायम बनते हैं।
पपीते को मैश करके उसमें थोड़ा-सा दही और दो बूंद ग्लिसरीन डालें और इस पेस्ट को 3क् मिनट के लिए बालों पर लगाकर छोड़ें। इस पैक से आपके बालों में चमक आएगी और दो मुंहे बालों से भी छुटकारा मिलेगा।

नाशपाती का हेयर पैक
नाशपाती का हेयर पैक बनाने के लिए नाशपाती को पीसकर उसमें शिया बटर, नारियल तेल और शहद मिलाएं।
अब इस पेस्ट को तीस मिनट के लिए बालों में लगाएं और हेयर कैप से बालों को ढंक दें। बालों का रूखापन चला जाएगा, बाल चमकने लगेंगे।

संतरे का पैक
संतरे का पैक बनाने के लिए एक कप संतरे का रस, एक कप दही, एक बड़ा चम्मच तुलसी पाउडर या फिर आंवला पाउडर लें और इसे एक साथ मिक्स कर लें। इसे नियमित रूप से बालों में लगाएं। इससे बाल स्वस्?थ और मुलायम रहेंगे।

गंजेपन का प्रभावी उपाय खोज रहे हैं तो लें ये डाइट

गलत जीवनशैली, अधिक प्रदूषण या शरीर में पोषक तत्वों की कमीं, बात जब बालों के झड़ने की आती है तो हामोनल बदलाव छोड़कर ये सभी इसके बड़े कारण हो सकते हैं। ऐसे में शरीर को पोषक तत्वों की कमीं को पूरा करने के लिए अगर आप अपनी डाइट में इन चीजों को शामिल करेंगे तो गंजेपन की समस्या से छुटकारे में काफी हद तक मदद मिल सकती है।

बालों की सेहत के लिए शरीर में प्रोटीन, विटामिन ए, ई, बी और ओमेगा 3 जैसे कई पोषक तत्व का संतुलन जरूरी है। जानिए, डाइट में ऐसी कौन सी चीजें हैं जो बाल झड़ने से रोकती हैं और उन्हें मजबूत बनाती हैं।

अंडे
अंडे में प्रोटीन अच्छी मात्र में होता है और यह विटामिन बी का भी बड़ा ोित है। प्रोटीन और विटामिन बी, दोनों ही बालों की सेहत के लिए बहुत जरूरी हैं इसलिए इसका सेवन नियमित रूप से करें।
डेयरी उत्पाद

दूध न सिफ कंप्लीट फूड है बल्कि इससे बनी चीजें भी बालों के लिए काफी फायदेमंद है। ये विटामिन ए का अच्छा ोित हैं। इनके सेवन से स्काल्प में सीबम का निमाण बढ़ता है जिससे बाल उगने आसानी होती है और बाल झड़ते नहीं हैं।

पालक
पालक में विटामिन बी, सी और ई अच्छी मात्र में हैं। साथ ही यह पोटैशियम, एंटीऑक्सीडेंट्स और ओमेगा 3 फैटी एसिड का भी बड़ा ोित है। इसके सेवन से बाल घने होते हैं।

गाजर
सदियों के मौसम में गाजर का सेवन बढ़ाएं और बालों की समस्याओं से निजात पाएं। गाजर में विटामिन ए और बीटा कौरोटीन नामक तत्व प्रचुर मात्र में है जो बालों के लिए काफी फायदेमंद है

मछली
मछली में प्रोटीन और ओमेगा 3 फैटी एसिड अच्छी मात्र में है। अगर आप मांसाहार लेते हैं तो डाइट में नियमित रूप से मछली का सेवन करें जिससे बालों की समस्या तेजी से दूर होंगी और बाल घने व मजबूत होंगे।

शकरकंद
शकरकंद भी बालों की सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। इसमें विटामिन सी, आयरन, कॉपर और प्रोटीन अच्छी मात्र में हैं जो बालों झड़ने को रोकने में काफी मददगार हैं।

गंजेपन को दूर करने में मददगार होगा यह उपाय
बालों की सही देखभाल न करने के कारण बालों में कई समस्?याएं हो सकती हैं जैसे कि डेंड्रफ या बालों का गिरना आदि। आप अपने थोड़ी सी देखभाल तथा घरेलू उपायों को अपना कर न सिफ बालों की समस्याओं को दूर कर सकते हैं बल्कि बालों का गिरना भी रोक सकते हैं। आज के युवावग में बाल गिरने की समस्या काफी आ रही हैं। बाल गिरना अगर इस कदर बढ़ गया है कि आप गंजेपन के कगार पर पहुंच गए हैं तो इसका प्रभावी उपचार संभव है।

शोधकताओं ने टोफासिटनिब साइट्रेट नामक दवा की मदद से 25 वषीय व्यक्ति के सिर पर बाल उगाने में सफलता पाई है जो किसी रोग के कारण कम उम्र में ही गंजेपन का शिकार हो चुका था।

शोधकताओं के अनुसार, इस दवा की मदद से उन्होंने शुरुआती दो महीनों में बाल उगने में आशिंक सफलता पाई और आठ महीनों के भीतर वे पूरे सिर पर बाल उगाने में सफल हो गए। शोधकता डॉ. ब्रेट ए. किंग के अनुसार, ‘’एफडीए द्वारा स्वीकृत इस दवा की मदद से न सिफ हम सिर पर बाल उगाने में सफल हुए बल्कि भौंहों, पलकों आदि को भी दोबारा उगाने में भी हमें सफलता मिली है।’’

ब्रेट के अनुसार, ‘’इस उपचार की खासित है इस दवा का को साइड इफेक्ट नहीं है। इसी कारण हम इसे दूसरे मरीजों पर भी आजमाने का प्रयास करेंगे।’’ उन्होंने इस दवा की मदद से गंजेपन के उपचार के लिए क्रीम बनाने की भी सिफारिश की है।


गंजेपन से चाहिए हमेशा के लिए छुटकारा तो अपनाए ये उपाय
आज के तनाव भरे माहौल में बालों का झडऩा आम बात है। लेकिन अब आपको धबराने के जरुरत नहीं है क्योंकि अगर आपके सिर के बाल झड़ गए हैं तो इससे हमेशा के लिए छुटकारा पाया जा सकता है।

वैज्ञानिकों ने सीने के बाल को सिर पर ट्रांस्पलांट कर गंजेपन के बावजूद भी बाल उगाने में सफलता प्राप्त की है। इस विधि को उन्होंने फॉलिक्यूलर युनिट एक्सट्रैक्शन का नाम दिया है। अब तक बालों के ट्रांसप्लांट के दौरान सिर के पिछले हिस्से से, जहां बाल अधिक होते हैं, बाल निकालकर सिर के उन हिस्सों पर लगाया जाता है जहां बाल झड़ चुके होते है।

यह प्रक्रिया दर्दनाक तो होती ही है, साथ ही इसकी सफलता की गुंजाइश भी पूरी नहीं होती है। अक्सर गंजेपन के दौरान लोगों के सिर के पिछले हिस्से में भी बाल या तो कम होते हैं या फिर कमजोर, इसलिए जरूरी नहीं कि इनका ट्रांसप्लांट पूरी तरह सफल ही हो।

ऐसे में सीने के बालों को सिर पर लगाने की यह विधि अपेक्षाकृत अधिक असरदार है। इस प्रक्रिया के अंतगत सजन मरीज के सीने पर शेव कर बाल निकाल कर सिर के गंजे भाग पर ट्रांसप्लांट करता है। सामान्यत: एक बार सिर पर इस विधि से बाल ट्रांस्पलांट करने का खच 10,00 पाउंड यानी 10,20,268 रुपए का खर्च आता है।


गंजेपन से छुटकारा पाने के घरेलू नुस्खे

अचानक से गंजापन आना और बालों का झड़ना बीमारी का कारण हो सकता है और आपको तुरंत डाक्टरी सलाह लेनी चाहिए। आमतौर पर पुरुषों में गंजापन के लिए मेल हामोन को जिम्मेदार ठहराया जाता है। यही वजह ?है महिलाओं में गंजापन नहीं देखने को मिलता है। साथ ही गंजापन जेनेटिक भी होता है और पीढ़ी दर पीढ़ी इसका असर रहता है। जब आपको लगे कि आपके गंजपन का समय आ गया है तो आप कुछ घरेलू नुस्खे के जरिए गंजेपन के समय को बढ़ा सकते हैं। दुलभ मामलों में आप इसका उपचार भी कर सकते हैं। पुरुषों के गंजापन को रोकने के लिए कई मेडिकल ट्रीटमेंट भी है। हालांकि इनमें से ज्यादातर विधि में हामोन को रोक दिया जाता है, जिससे पुरुषों की फटिलिटी प्रभावित होती है। इसलिए गंजेपन में विलंब करने के लिए घरेलू उपचार ज्यादा कारगर होता है। आप बालों और सिर के खाल को मजबूत करके अचानक होने वाले गंजेपन को रोक सकते हैं। गंजापन रोकने के लिये अपनाइये ये डाइट ज्यादातर घरेलू उपचार काफी आसान होते हैं और इसका नियमित रूप से पालन करना काफी प्रभावी होता है। सबसे पहले तो आप अपनी लाइफस्टाइल में परिवतन करें, जो कि गंजेपन का सबसे बड़ा कारण है। बालों के झड़ने में तनाव की बहुत बड़ी भूमिका होती है।

हेयर आयल 
मसाज गंजेपन के उपचार में नारियल तेल, बादाम तेल, जैतून तेल, कैस्टर तेल और आमला तेल काफी प्रभावी होता है। आप इनमें से एक या एक से अधिक तेल से हर दूसरे दिन सिर का मसाज करें। इससे बालों के विकास को बढ़ावा मिलेगा। मसाज करने से पहले तेल को थोड़ा गम कर लें ताकि सिर का खाल इसे अच्छे से सोंख सके।

कोकोनट मिल्क 
कोकोनट मिल्क पौधे का अक होता है और इसमें टिशू को पोषण देने वाले तत्व बड़ी मात्र में पाए जाते हैं। कोकोनट को अच्छे से मसल कर इसका रस निचोड़ लें। अब इस रस से तुरंत सिर का मसाज करें।

मेहंदी की पत्ती 

मेहंदी भारत का एक चचित हब है। इसमें औषधीय गुण तो होता ही है, साथ ही शादी विवाह में इसका इस्तेमाल टैटू बनाने के लिए किया जाता है। सरसों के तेल में मेहंदी की पत्ती को उबाल लें। ठंडा हो जाने के बाद इसमें हेयर आयल खासकर नारियल का तेल मिलाकर नियमित रूप से इस्तेमाल करें।

भारतीय गूस्बेरी 

भारतीय गूस्बेरी को आमतौर पर आमला के नाम से जाना जाता है। पूरे भारत में इसका इस्तेमाल बालों को तेजी से बढ़ाने के लिए किया जाता है। भारतीय गूस्बेरी विटामिन सी से भरा होता है, जिसकी कमी से बाल झड़ते हैं। आमला के गूदे और नींबू के रस को सिर के खाल पर अच्छी तरह से लगाएं। इसे रात भर छोड़ दें और सुबह नहाते समय शैंपू से सिर धो लें।

मेथी 
बालों को झड़ने से रोकने में मेथी काफी कारगर होता है। मेथी के बीज में ऐसे हामोन पाए जाते हैं जो बालों के विकास को बढ़ाने के साथ-साथ हेयर फालिकल्स को भी बनाता है। साथ ही इसमें प्रोटीन और निकोटिनिक एसिड पाया जाता है जो बाल को बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। मेथी के बीज को रात भर पानी में फूलने के लिए छोड़ दें और फिर नहाने से पहले इसका पेस्ट सिर पर लगाएं।

प्याज 
हल्के गंजेपन के उपचार में प्याज काफी कारगर होता है। प्याज को पीस कर इसका रस निकाल लें। अब इस जूस को एलोवेरा के साथ मिलाकर नहाने से पहले 10 से 15 मिनट तक सिर पर लगाकर रखें।

सफेद बालों से जुड़े मिथ और तथ्य

क्?या आप बालों की सफेदी के बारे में फैली अलग-अलग बातों को लेकर संशय में रहते हैं और इसके पीछे की हकीकत जानना चाहते हैं। तो, नीचे दिये लेख को पढ़ें और बालों को सफेद होने से रोकने के उपायों के बारे में जानें। खूबसूरत बाल तो कुदरती तोहफा माना जाता है और हम भी अपने बालों को हमेशा चमकदार और काला घना बनाये रखना चाहते हैं। लेकिन, रोज हानिकारक कैमिकल्स के संपक में आने, अपर्याप्त आहार, तनाव और अन्?य कई कारणों से हमारे बाल समय से पहले ही सफेद होने लगते हैं। तो, बालों के असमय सफेद के पीछे कई मिथ भी चले आते हैं, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चले आते हैं और लोग उन्हें सच मानने लगते हैं। जी हां, इन मिथों में कई सच्चाइयां भी छुपी होती हैं, लेकिन सभी बातें पूरी तरह सच नहीं होतीं। अगर आप इन बातों का सही प्रकार से ध्यान न रखें तो आप गलत रास्ते पर जा सकते हैं, जिससे आपको काफी नुकसान हो सकता है। तो जरूरी है कि आप मिथ और हकीकत के फक को समझें। और बालों के असमय सफेद के पीछे के जरूरी कारणों और इलाजों को जानें।

सफेद बालों के मिथ और हकीकत मिथ 1: अगर आप एक सफेद बाल को खींचकर निकालें तो उसी जड़ से कई सफेद बाल निकल आते हैं। सच: यह बात पूरी तरह गलत है। नगातार सफेद बाल खींचकर निकालते रहने से कुछ समय बाद आप गंजे हो सकते हैं। हमारे बालों की जड़ों में केवल एक बाल निकलने की जगह होती है। तो एक ही समय पर एक से ज्यादा सफेद बाल निकलना तो असंभव है।

मिथ 2 : सफेद बालों को छुपाने का सबसे अच्छा तरीका स्थायी कलर ट्रीटमेंट करवाना है सच : यह बात पूरी तरह गलत है। आपके सिर में कितने सफेद बाल हैं उसके आधार पर ही आप अपने सिर के सफेद बालों को छुपा सकते हैं। अगर आपके सिर में सफेद बाल कम हैं तो आप सेमी-परमानेंट और डेमी परमानेंट रंगों के आपसी मिश्रण से बालों की सफेदी छुपा सकते हैं। इस मिश्रण में किसी प्रकार का कोई सख्त केमिकल नहीं होता।


महिलाओं में गंजेपन का कारण और उपचार

पहले ऐसा लगता था कि पुरूष ही गंजे होते है और महिलाओं के बाल झड़ते हैं। लेकिन अब थोड़ा ट्वीस्ट है, महिलाओं में भी गंजेपन की समस्?या सामने आने लगी है। एक अध्ययन के मुताबिक, हर बाल एक छेंद पर उगता है उसे फोलीसाइल कहते हैं। जैसे-जैसे फोलीसाइल सिकुड़ते है तो बाल झड़ते है और वहां गंजापन हो जाता है। महिलाओं में भी ये समस्या देखने को मिलती है। कई बार इसी समस्या के चलते लम्बे और मोटे बाल, छोटे और पतले बालों में बदल जाते हैं। महिलाओं में एकदम से कभी भी गंजापन नहीं होता है। पहले उनके बाल झड़ते हैं, पतले होते और बाद में गंजापन हो जाता है।

बालों को झड़ने से रोकेगा यह घरेलू उपचार महिलाओं में गंजापन होने के कारण निम्न प्रकार हैं:
1.आनुवांशिक गुण या परिवार में पहले भी मां या दादी, नानी के बालों का इस तरह झड़ना।
2. उम्र बढ़ने के कारण
3. सजरी, कीमोथरेपी या किसी दवा के प्रभाव के कारण।
4. मेनोपॉज के कारण ऐसी समस्या आने पर आपको डमेटोलॉजिस्ट से मिलना चाहिए, ताकि वह आपका सही प्रकार ट्रीटमेंट करवा सकें। गंजेपन की समस्या महिलाओं और पुरूषों, दोनों में होती है। लेकिन इसमें कोई झिझकने की बात नहीं है, आप डॉक्टर से मिलें और अपनी समस्या बताकर सही इलाज करवाएं। पुरूषों में गंजेपन की शुरूआत कनपटी से होती है और वहीं महिलाओं में गंजेपन की शुरूआत बीच की मांग से होती है। दोनों में ही गंजेपन के भिन्न कारण होते हैं, इसलिए ध्यान दें और इलाज करवाएं। गंजे हो रहे हैं तो अपनाइये ये 20 तरीके महिलाओं में गंजेपन को दूर करने का
उपचार: 
1. आप लोशन, पेम, क्रीम और अन्य प्रकार के कॉस्मेटिक का इस्तेमाल कर सकती है जो आपके बालों को झड़ने से बचाएं।
2. आप प्रोफेशनल काउंसलिंग करवा लें।
3. डॉक्टर से सही और बेहतर उपचार के बारे में पूछें।
4. हेयर ट्रांसप्लांट करवा लें। आजकल बालों को ट्रांसप्लांट करने की काफी नई-नई तकनीकी ईजाद हुई हैं जो गंजेपन की समस्या को दूर कर देते है।

बालों का झड़ना रोके अंडा: घरेलू उपचार

अंडे प्रोटीन और विटामिन से भरे होते हैं जो कि बालों की कई सारी समस्?याओं से हमें निजात दिला सकते हैं। नियमित इस्तेमाल से यह आपके बालों को घना और शाइनी बना सकते हैं। अगर आपके बाल बहुत ज्?यादा रूखे हैं तो भी अंडा लगाना बहुत लाभदायक होता है। इसमें जरुरतमंद फैटी एसिड होता है जो कि बालों को अंदर से पोषण पहुंचाता है। यह बालों की जड़ों को मजबूत बनाता है जिससे बाल झड़ते नहीं हैं। सिल्?की बाल चाहिये तो लगाइये अंडा
बालों के लिये अंडे के फायदे 
1. अंडे में सल्फर होता है और कुछ पोषक तत्व जैसे प्रोटीन और मिनरल जैसे आयोडीन, फॉस्?फोरस ,आयरन और जिंक पाया जाता है। ये सब मिल कर बालों के लिये बहुत ही अच्छा काम करते हैं।
2. अंडे में विटामिन ई होता है जो कि बालों को बढ़ाने में मदद करता है। इसमें मौजूद विटामिन बालों को यूवी किरणों और प्रदूषण से बचाता है। यह बालों को कमजोर होने से भी बचाता है।
3. अंडे में बायोटिन या विटामिन 7 होता है जो कि बालों की जड़ों को मजबूत करता है।

एग हेयर पैक 
1. अंडा और जैतून तेल: अंडे का सफेद भाग ले कर उसके साथ 2 चम्?मच जैतून का तेल मिक्?स करें। अब इस मिश्रण को सिर पर अच्?छी तरह से लगाएं। 20 मिनट के बाद बालों को ठंडे पानी और शैंपू से धो लें। कुछ हफ्तो तक ऐसा करने से बालों की ग्रोथ होना शुरु हो जाएगी।
2. अंडा, जैतून तेल और शहद: 1 अंडे के पीले भाग में 3 चम्मच जैतून तेल और थोड़ा सा शहद मिक्?स करें। फिर इससे अपने सिर और बालों की धीरे धीरे मसाज करें। अपने सिर को किसी शॉवर कैप से ढंक दें और आधे घंटे बाद बालों को हल्?के गरम पानी से धो लें।
3. अंडा और नींबू: अंडे का पीला भाग लें और उसमें आधा नींबू निचोड़े। फिर इस पेस्?ट से अपने सिर की कुछ देर मसाज करें। जब मिश्रण अच्छी तरह से सिर में समा जाए तब इसे ठंडे पानी से धो लें।




 महिलाओं में गंजेपन का कारण
करीब एक तिहाई महिलाएं एलोपेसिया की समस्या से जूझती हैं जबकि मेनोपॉज के बाद दो तिहाई महिलाओं को सिर के किसी विशेष हिस्से में गंजेपन का सामना करना पड़ता है।

महिलाओं में एलोपेसिया की वजहें पुरुषों की तुलना में अधिक हैं। पुरुषों की तरह ही महिलाओं में एंड्रोजन हामोन के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं। इसमें सिर में मांग के आसपास के बालों का झड़ना शुरू होता है जो धीरे-धीरे सिर के पूरे भाग के गंजेपन में बदल जाता है।

इसके अलावा, कोई विशेष स्वास्थ्य समस्या, शारीरिक व मानसिक तनाव, मेनोपॉज के बाद हामोनल बदलाव, मेडिकल हिस्ट्री, किसी खास तरह का उपचार आदि भी संबंधित हैं।



इन लक्षणों को देखने के बाद उपचार में देर न करें
पुरुषों और महिलाओं में गंजेपन के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। आमतौर पर पुरुषों में गंजेपन की शुरुआत में बाल इस तरह से झड़ते हैं कि सिर पर बालों का हिस्सा ‘रू’ आकार में नजर आता है। धीरे-धीरे बालों का झड़ना अधिक हो जाता है और यह आकार बदलकर ‘’ हो जाता है।

महिलाओं के मामले में यह पैटन अलग है। आमतौर पर महिलाओं के सिर के बिल्कुल मध्य भाग से बाल झड़ने शुरू होते हैं, खासतौर पर बालों की मांग के आसपास का भाग और धीरे-धीरे सिर के सभी हिस्से से बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं।




 उपचार की प्रचलित विधियां 
एलोपेसिया के उपचार का सबसे पहला चरण है लक्षणों के आधार पर इसकी पहचान। इस दौरान मरीज की मेडिकल हिस्ट्री का पूरा ब्यौरा लिया जाता है।

इस दौरान गंजेपन का पैटन, सूजन या संक्रमण का परीक्षण, थायरॉइड और आयरन की कमी की पहचान के लिए ब्लड टेस्ट और हामोनल टेस्ट आदि की मदद से इसकी जांच हो सकती है। इसके उपचार के लिए इन दवाओं और विधियों का इस्तेमाल स्थिति के गंभीरता के आधार पर किया जाता है।

मिनोक्सिडिल - इस दवा को हाई ब्ल़ प्रेशर के उपचार के लिए तैयार किया गया था लेकिन इसका असर बाल झड़े के उपचार पर भी सामने आया। इसके बाद, कई शोधों में इसे गंजेपन के उपचार में प्रभावी माना गया है।

फूड एंड ड्रग्स एसोसिएशन ने इस दवा को महिलाओं में गंजेपन के उपचार के लिए प्रभावी माना है और डॉक्टरी सलाह पर उनका इस्तेमाल एंड्रोजन एलोपेसिया के उपचार में किया जाता है।

एंड्रोजन प्रतिरोधी दवाएं - चूंकि एलोपेसिया के अधिकतर मामलों में शरीर में एंड्रोजन हामोन की अधिकता एक प्रमुख कारण है, इसलिए इसे कम करने की दवाओं का इस्तेमाल भी उपचार के लिए किया जाता है। कुछ मामलों में इन दवाओं से उन महिलाओं को फायदा मिला है, जिन पर मिनोक्सिडिल का प्रभाव नहीं हुआ।

आयरन की पूति - कुछ मामलों में बाल झड़ने की रोकथाम महज आयरन युक्त सप्लीमेंट से ही हो जाती है। विशेष रूप से महिलाओं में गंजेपन के उपचार के लिए आयरन की गोलियां अधिक प्रभावी हैं।

प्लेटलेट रिच प्लास्मा थेरेपी (पीआरपी) - इस थेरेपी के दौरान सजरी की मदद से शरीर के रक्त की ही प्लेटलेट्स से उपचार किया जाता है जिससे त्वचा को एलजी की रिस्क नहीं रहता और बाल उगने शुरू हो जाते हैं।

मेसोथेरेपी - इस थेरेपी के दौरान स्काल्प की त्वचा पर विटामिन और प्रोटीन को सुई की मदद से डाला जाता है। इससे हेयर फोलिकल्स को ठीक कर दोबारा बाल उगाने की कोशिश की जाती है।

लेज़र लाइट - कम पावर की लेजर लाइट की मदद से बालों की जड़ों मे ऊजा का संचार बढ़ाते हैं जिससे बाल मजबूत हों और दोबारा उग सकें।

हेयर ट्रांस्प्लांटेशन - इस विधि से बालों को एक स्काल्प से दूसरे स्काल्प में स्थानांतरित किया जाता है। इस दौरान एक व्यक्ति के सिर से दूसरे के सिर में बाल इस तरह लगाए जाते हैं कि जिस हिस्से से बाल निकाले गए हों वे दूसरे के सिर में उसी हिस्से पर लगाए जाएं। इसके साथ-साथ बाल झड़ने की रोकथाम से जुड़े अन्य उपचारों को भी किया जाता है।

Friday, February 28, 2014

ऐसी थी खूबसूरती की मल्लिका मधुबाला

अजय शर्मा
   
बॉलीवुड में मधुबाला को एक ऐसी अभिनेत्री के रूप में याद किया जाता। जिन्होंने अपनी दिलकश अदाओं और दमदार अभिनय से लगभग चार दशक तक सिने प्रेमियों का भरपूर मनोरंजन किया।
     
मधुबाला का मूल नाम मुमताज बेगम देहलवी था और जन्म हुआ था दिल्ली में 14 फरवरी 1933 को। उनके पिता अताउल्लाह खान में रिक्शा चलाया करते थे। तभी उनकी मुलाकात एक नजूमी (भविष्यवक्ता) कश्मीर वाले बाबा से हुयी जिन्होंने भविष्यवाणी की कि मधुबाला बडी होकर बहुत शोहरत पाएगी। इस भविष्यवाणी को अताउल्लाह खान ने गंभीरता से लिया और वह मधुबाला को लेकर मुंबई आ गये।
     
वर्ष 1942 में मधुबाला को बतौर बाल कलाकार (बेबी मुमताज) के नाम से फिल्म बसंत में काम करने का मौका मिला। बेबी मुमताज के सौंदर्य से अभिनेत्री देविका रानी काफी मुग्ध हुयी और उन्होंने उन्हें मधुबाला नाम रखने की सलाह दी। उन्होंने मधुबाला से बॉम्बे टाकीज की फिल्म "ज्वार भाटा" में दिलीप कुमार के साथ काम करने की पेशकश भी कर दी लेकिन मधुबाला उस फिल्म में किसी कारणवश काम नहीं कर सकी। ज्वारभाटा हिंदी की महत्वपूर्ण फिल्मों में से एक है। इसी फिल्म से अभिनेता दिलीप कुमार ने अपने सिने कैरियर की शरूआत की थी।
   
मधुबाला को फिल्म अभिनेत्री के रूप में पहचान निर्माता निर्देशक केदार शर्मा की वर्ष 1947 मे प्रदर्शित फिल्म "नीलकमल" से मिली। इस फिल्म में उनके अभिनेता थे राजकपूर। नील कमल बतौर अभिनेता राजकपूर की पहली फिल्म थी। भले ही फिल्म नीलकमल सफल नहीं रही लेकिन इससे मधुबाला ने बतौर अभिनेत्री अपने सिने कैरियर की शुरूआत कर दी। वर्ष 1949 तक मधुबाला की कई फिल्में प्रदर्शित हुयी लेकिन इनसे उन्हें कुछ खास फायदा नहीं हुआ।
         
वर्ष 1949 में बांबे टॉकीज के बैनर तले बनी निर्माता अशोक कुमार की फिल्म "महल" मधुबाला के सिने कैरियर में महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुयी। रहस्य और रोमांच से भरपूर यह फिल्म सुपरहिट रही और इसी के साथ बालीवुड में हॉरर और सस्पेंस फिल्मों के निर्माण का सिलसिला चल पडा। फिल्म की जबरदस्त कामयाबी ने नायिका मधुबाला के साथ ही निर्देशक कमाल अमरोही और गायिका लता मंगेशकर को भी फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित कर दिया।
     
वर्ष 1950 से 1957 तक का वक्त मधुबाला के सिने कैरियर के लिये बुरा साबित हुआ। इस दौरान उनकी कई फिल्में असफल रही। लेकिन वर्ष 1958 मे  फागुन, हावडा ब्रिज, काला पानी तथा चलती का नाम गाडी जैसी फिल्मों की सफलता के बाद मधुबाला एक बार फिर से शोहरत की बुंलदियों तक जा पहुंची।
       
फिल्म हावडा ब्रिज में मधुबाला ने क्लब डांसर की भूमिका अदा करके दर्शकों का मन मोह लिया। इसके साथ ही वर्ष 1958 मे हीं प्रदर्शित फिल्म चलती का नाम गाडी में उन्होंने अपने अभिनय से दर्शकों को हंसाते-हंसाते लोटपोट कर दिया।

मधुबाला का पहला प्यार दिलीप कुमार      

मधुबाला के सिने कैरियर मे उनकी जोडी अभिनेता दिलीप कुमार के साथ काफी पसंद की गयी। फिल्म तराना के निर्माण के दौरान मधुबाला दिलीप कुमार से मोहव्बत करने लगी। उन्होंने अपने ड्रेस डिजाइनर को गुलाब का फूल और एक खत देकर दिलीप कुमार के पास इस संदेश के साथ भेजा कि यदि वह भी उनसे प्यार करते है तो इसे अपने पास रख ले। दिलीप कुमार ने फूल और खत दोनों को सहर्ष स्वीकार कर लिया।

बी आर चोपडा की फिल्म नया दौर में पहले दिलीप कुमार के साथ नायिका की भूमिका के लिये मधुबाला का चयन किया गया और मुंबई में ही इस फिल्म की शूटिंग की जानी थी। लेकिन बाद मे फिल्म के निर्माता को लगा कि इसकी शूटिंग भोपाल में भी जरूरी है।
     
मधुबाला के पिता अताउल्लाह खान ने बेटी को मुंबई से बाहर जाने की इजाजत देने से इंकार कर दिया। उन्हें लगा कि मुंबई से बाहर जाने पर मधुबाला और दिलीप कुमार के बीच का प्यार परवान चढे़गा और वह इसके लिए राजी नहीं थे। बाद मे बी आर चोपडा को मधुबाला की जगह वैजयंतीमाला को लेना पडा। अताउल्लाह खान बाद में इस मामले को अदालत में ले गये और इसके बाद उन्होंने मधुबाला को दिलीप कुमार के साथ काम करने से मना कर दिया। यहीं से दिलीप कुमार और मधुबाला की जोडी अलग हो गयी।

मधुबाला का बीमारी में भी काम करना      

पचास के दशक मे स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान मधुबाला को एहसास हुआ कि वह हृदय की बीमारी से ग्रसित हो चुकी हैं। इस दौरान उनकी कई फिल्में निर्माण के दौर में थी। मधुबाला को लगा यदि उनकी बीमारी के बारे मे फिल्म इंडस्ट्री को पता चल जायेगा तो इससे फिल्म निर्माता को नुकसान होगा। इसलिये उन्होंने यह बात किसी को नहीं बतायी। उन दिनों मधुबाला के आसिफ की फिल्म मुगले आजम की शूटिंग में व्यस्त थी। मधुबाला की तबीयत काफी खराब रहा करती थी। मधुबाला अपनी नफासत और नजाकत को कायम रखने के लिये घर में उबले पानी के सिवाय कुछ नहीं पीती थी। उन्हें जैसमेलर के रेगिस्तान में कुंए और पोखरे का गंदा पानी तक पीना पडा। मधुबाला के शरीर पर असली लोहे की जंजीर भी लादी गयी लेकिन उन्होंने उफ तक नहीं की और फिल्म की शूटिंग जारी रखी। मधुबाला का मानना था कि अनारकली के किरदार को निभाने का मौका बार बार नहीं मिलता।

तो ऐसी थी खूबसूरती की मल्लिका मधुबाला। जिन्होंने बहुत सी बेहतरीन फिल्मों में काम किया और शोहरत हासिल की। लेकिन व्यक्तिगत जिदंगी में प्यार और अपनेपन के लिए मायूस ही रही। 

Tuesday, February 18, 2014

लीजिए आ गई मस्तराम पर फिल्म


लीजिए अब आ रही है भारतीय पोर्न लेखक मस्तराम के जीवन पर आधारित फिल्म। जिसमें आप देखेंगे कि कैसे एक संघर्ष करनेवाला लेखक बना मस्मराम जैसे पोर्न साहित्य का लेखक। जो आपकी सांसे थाम देगा। जो किताब बाथरुम में और चोरी छिपे पढ़ी जाती थी। जो खुलेआम छोटी मोटी दुकानों पर बिका करती थी। तो बस थोड़ा सा और इंतजार  

माही गिल और बॉक्स फीवर, नहीं हो सकता

 अजय शर्मा

बॉलीवुड में अपने संजीदा अभिनय के लिये मशहूर माही गिल का कहना है कि वह बॉक्स ऑफिस के बारे में चिंतित नहीं रहती है। साहब बीबी और गैंगस्टर, देव डी और गुलाल जैसी कई फिल्मों में अपने संजीदा किरदार से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाली माही गिल की अब गैंग्स ऑफ घोस्ट प्रदर्शित होने जा रही है। मैं जो भी फिल्में करती हूं। वह छोटे बजट की होती है और उसकी कमाई के लिये चिंतित नहीं रहती।
     
माही गिल ने कहती हैं कि वो जो भी फिल्में करती हैं वे बॉक्स ऑफिस पर सफल रहती है और साथ हीं सराही भी जाती हैं। इसलिये मै बॉक्स ऑफिस के बारे में चिंतित नहीं रहती हैं।
     
आपको बता दें सतीश कौशिक के निर्देशन में बन रही गैंग्स ऑफ घोस्ट का निर्माण रतन जैन कर रहे है। यह फिल्म बंगला फिल्म भूतर भविष्यत की रिमेक है। इस फिल्म में शरमन जोशी, माही गिल, मीरा चोपड़ा, जैकी श्रॉफ, अनुपम खेर, राजपाल यादव और सौरभ शुक्ला की मुख्य भूमिका है। इस फिल्म से प्रियंका चोपड़ा की बहन मीरा चोपड़ा बॉलीवुड में डेव्यू कर रही है। यह फिल्म 1 मार्च को प्रदर्शित होगी।